दवामुक्त और रोगमुक्त जीवन के संकल्प के साथ दिव्यदर्शन योग सेवा संस्थान दिल्ली, नोयडा, गाजियाबाद तथा सम्पूर्ण एन.सी.आर. के साथ-साथ पूरे भारत वर्ष में निःशुल्क योग शिविर आयोजित करता है आप भी हमारे साथ इस अभियान में सहयोग करके इस पुण्य कर्म मे भागीदार हो सकते हैं तथा हमारा सहयोग अपने क्षेत्र गाँव, शहर, कस्बा या संस्थान में दिव्यदर्शन योग शिविर आयोजित करवाकर कर सकते हैं |
दिव्यदर्शन योग सेवा संस्थान का प्रथम प्रशिक्षण शिविर दो जनवरी वर्ष 2016 को आगरा के करभना नाम के गाँव से प्रारम्भ हुआ और अभी तक कई तृदिवसीय, चतुर्दिवसीय एवं पंचम दिवसीय निःशुल्क योग शिविर आयोजित किये जा चुके है तथा कई सौ लोग अपनी बड़ी से बड़ी बिभिन्न व्याधियों से छुटकारा भी पा चुके हैं |
जिस प्रकार सत्यता कि परिभाषा करना किसी सीमित दायरे की बात नहीं है उसी प्रकार दिव्यदर्शन योग का प्रतिफल और उसकी ब्याख्या करना आसान कार्य नहीं होगा हाँ जीवन का मूल तत्व उसकी आत्मा का अंतिम साक्षात्कार करना जरूर होता है जो धर्म और आधायत्म के मार्ग का केंद्र बिन्दु है यहाँ तक आते-आते सभी जटिलताएँ सरलता मे बदल जाती है, शरीर, मन तथा विचारों मे एकरूपता स्थापित हो जाता है समत्व की परिकल्पना ही योग है (दिव्यदर्शन योग) जीवन का यथार्थ दिखाई देने लगता है, मानव चेतना जाग्रत हो उठती है उसका एहसास असीमित है जितना कहा जाय, लिखा जाय, पढ़ा जाय बहुत कम होगा |
परंतु मै इतना अवश्य कहना चहुंगा कि दिव्यदर्शन योग शरीर की लगभग सभी समस्यायें शारीरिक, मानसिक, व्यवहारिक जैसे- थायरायड, ब्लड प्रेशर, शुगर, कैंसर, अल्सर, खराब पाचन क्रिया, माइग्रेन, कब्ज, गैस, शरीर के भिभिन्न अंगों का सुन्न हो जाना, महिलाओं तथा पुरुषों की गुप्त व्याधियां, धात, स्वेत प्रदर, मासिक धर्म की अनियमितता, सांस फूलना, डिप्रेशन, चेहरे की सुन्दरता(मुहांसे), कमजोर याददाश्त (अल्माईजर),पागलपन, मोटापा, त्वचा रोग (सोरायसिस), जोड़ों के दर्द, किडनी/पथरी, हड्डियों की कमजोरी, एलर्जी, सर्वाइकल, बवासीर, लकवा, मिर्गी, खांसी, प्रोस्टेट, साइनस, पैर के तलवे, आँखों एवं हथेलियों में जलन, कमर दर्द (साइटिका), हार्ट की समस्या तथा कुछ ऐसी बीमारियाँ जिनमें टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर कोई बीमारी नही परन्तु शरीर एवं मन से गंभीर बीमार महसूस करना आदि विभिन्न समस्याओं में चमत्कारिक लाभ प्रदान करता है |